सोच- सोच कर देखा तो क्या देखा || आचार्य प्रशांत, कृष्णमूर्ति पर (2014)
2019-11-23
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वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
१६ फरवरी २०१४,
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
सोचना किस हद तक सही?
कहाँ से देख रहे हो अन्दर से या बाहर से?
क्या असली देखना आँखों के पार देखना नहीं है?